Option Chain क्या होता है? Share Market में Option Chain क्या होता है?

Option Chain क्या होता है? Share Market में Option Chain क्या होता है?

Hello दोस्तों आज का यह आर्टिकल Option Chain पर आधारित है जिसमे हम बिलकुल ही आसान भाषा में जानने और समझाने का प्रयास करेंगे की Option Chain Kya Hota Hai.


अगर आप शेयर मार्केट में अभी नए - नए है तो जाहिर सी बात है की आपको अभी Option Chain के बारे में जानकारी नही होगी, 


और क्योकि आप आप्शन चैन के बारे में जानना चाहते है इसलिए शायद आप ने भी गूगल किया हो की share market me option chain kya hota hai.

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 Option Chain क्या होता है? Share Market में Option Chain क्या होता है? 

फ्रेंड्स इससे पहले की हम आप्शन चैन पर आगे विस्तारपूर्वक चर्चा करे, इससे पहले हम एक नजर कुछ ऐसे सवाल पर डालते है जिसे अक्सर नए लोग पूछते है या सवाल को जानना चाहते है।


जैसे की - एक ट्रेडर Swing Trading, Intraday Trading या Option Trading करते समय Option Chain को बार – बार क्यों देखता है?


इसे भी पढ़े - Share Market में कितना पैसे है?


👉Option Chain को समझने और देखने पर क्या मालूम होता है?


👉Option Chain में OI, VOLUME, LTP, IV, क्या होता है?


👉Option Chain का Analysis कैसे किया जाता है?


👉Option Chain में Strike Price क्या होता है, और सही स्ट्राइक प्राइस कैसे चुना जाता है?


👉Option Chain में Option Greeks जैसे की Delta Theta Gamma Vega ये सब क्या होता है और इसे कैसे Calculate किया जाता है।


👉बिना Option Chain की जानकारी के शेयर मार्केट से पैसा कमाना कितना कठिन है?


फ्रेंड्स जैसे की आपने अभी अभी ऊपर आप्शन चैन से सबंधित कई महत्वपूर्ण सवालों को पढ़ा और जाना,  ऊपर आप्शन चैन से सबंधित कुछ सवाल ऐसे भी है जिसे इस लेख में विस्तारपूर्वक समझा पाना मुस्किल है।


For Example - Option Chain का Analysis कैसे करते है या Option Chain में सही Strike Price का चयन कैसे किया जाता है या फिर Option Chain में Option Greeks क्या होता है और इसकी कैलकुलेशन्स कैसे की जाती है।


ये कुछ ऐसे सवाल है जिसे किसी एक आर्टिकल में पूरी डिटेल में समझा पाना थोडा मुस्किल है और इससे कई ज्यादा मुस्किल एक ही आर्टिकल में इन सभी टॉपिक को खुद समझ पाना है।


क्योकि अगर आप्शन चैन से रिलेटेड इन सभी टॉपिक को एक ही आर्टिकल में बता दे, तो इससे यह आर्टिकल बहुत ही ज्यादा लम्बा और बोरिंग हो जायेगा, और शायद कुछ समझ में भी न आये।


इसलिए हम इस लेख में आप्शन चैन पर बस एक नजर डालेंगे और हम इस आर्टिकल में केवल और केवल इसके बेसिक को जानने और समझाने का प्रयास करेंगे।


Option Chain क्या होता है?


Share Market में आप्शन चैन एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल है जिसकी हेल्प से कोई ट्रेडर किसी स्टॉक या इंडेक्स में ट्रेडिंग करके पैसे कमाता है तो वही दूसरी ओर कोई इन्वेस्टर किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करता है।


आप यूँ समझ लीजिये की अगर आपकी बॉडी शेयर बाजार है तो आपकी आत्मा आप्शन चैन है ऐसे कहना बिलकुल भी गलत नही है, क्योकि दोनों ही एक दुसरे के पूरक है।


यानि बिना आप्शन चैन के शेयर मार्केट की कल्पना करना किसी भी हालत में संभव नही है।


आप्शन चैन जैसे की इसके नाम से ही स्पष्ट हो जाता है की यह एक प्रकार का चैन है जिसमे सभी कंपनीज और इंडेक्स के बहुत से आप्शन मौजूद होते है।


क्योकि जो भी कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है उन सभी कंपनीज और उसके आप्शन का पूरा डाटा आप्शन चैन में होता है। 


यानि की शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कम्पनीयों के शेयर यानि स्टॉक और सभी इंडेक्स जैसे की BankNifty Nifty50 आदि की A to Z इनफार्मेशन Option Chain में होती है।


Option Chain में किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का पूरा डाटा सारणी के रूप में मौजूद होता है, अगर हमे किसी भी कंपनी के शेयर में इन्वेस्टिंग करना हो। 


या किसी भी इंडेक्स में ट्रेडिंग करना हो तो उस स्टॉक या इंडेक्स से रिलेटेड हमारे पास पूरी डिटेल होना जरुरी है।


जैसे की Strike Price, Open Interest, VOLUME , LTP , IV , Call Options और Put Options, Premiums आदि जैसे कई फैक्टर होते है और Option Chain में इनकी पूरी डिटेल होती है।


इन सभी फैक्टर को देख कर और इसकी कैलकुलेशन के आधार पर और साथ ही चार्ट पर बनने वाले Price Action के आधार पर ही कोई ट्रेडर इस नतीजे पर पहुँचता है की उसे ट्रेड कब लेना है और कब नही लेना है।


एक Intraday Trader या Option Buyer या फिर Option Seller भी ट्रेडिंग करते समय आप्शन चैन में इन सभी फैक्टर के आलावा भी कुछ ऐसे फैक्टर को देखता ही देखता है जो इन सभी फैक्टर से अलग है।


और साथ ही Option Buyer के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है और वह है आप्शन चैन में Option Greeks की समझ होना।


आप्शन चैन में आप्शन ग्रीक का एक इम्पोर्टेन्ट रोल है, Option Greeks आप्शन चैन का ही एक छोटा अंस है जो आप्शन चैन के सारणी में Call और Put दोनों साइड में दिखाई देता है।


आप्शन ग्रीक्स में किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का अपना – अपना डाटा होता है जो की Call और Put का अलग – अलग होता है और ये डाटा Delta, Theta, Gamma और Vega होते है।


यानि आप्शन चैन के आप्शन ग्रीक में किसी भी शेयर या इंडेक्स के Delta, Theta, Gamma और Vega करंट समय में क्या चल रहा है इसे देख जाता है।


और फिर यह तय किया जाता है की शेयर को या आप्शन के कॉन्ट्रैक्ट को किस भाव पर खरीदने पर ज्यादा फायदा और नुकसान कम होगा।


मुझे उम्मीद है की अभी तक आपने यह जान लिया होगा की शेयर मार्केट में आप्शन चैन क्या होता है और शेयर मार्केट में आप्शन चैन की क्या भूमिका है।


Option Chain में क्या - क्या देखना होता है?


एक ट्रेडर को आप्शन चैन में क्या - क्या देखना होता है, इसे निचे बिन्दुबार ढंग से संक्षेप में बताया गया है। 


एक ट्रेडर को आप्शन चैन में ये सब देखना होता है


Strike Price -  


जब एक ट्रेडर शेयर मार्केट में ट्रेड करता है तो ट्रेड करने से पहले वह आप्शन चैन में सही Strike Price को सेलेक्ट करता है, और फिर उसी स्ट्राइक प्राइस पर Up डायरेक्शन या Down डायरेक्शन में ट्रेड करता है


Open Interest -


Option Chain में Open Interest बहुत ही मायने रखता है, इसका इस्तमाल Futures और Options में होता है 


ओपन इंटरेस्ट हमें यह बताता है की किसी कभी स्टॉक या इंडेक्स में कुल कितना Contract Open है, जब कोई ट्रेडर किसी कॉन्ट्रैक्ट को बाय या सेल करता है तो इसका सीधा प्रभाव Open Interest पर पड़ता है


उदाहारण के लिए अगर कोई ट्रेडर ट्रेडिंग के लिए किसी कॉन्ट्रैक्ट को खरीदता है तो Open Interest के नंबर में बढ़ोतरी देखने को मिलती है


तो वही इसके विपरीत अगर कोई ट्रेडर अपने द्वारा लिए गए कॉन्ट्रैक्ट को Close करता है तो Open Interest के नंबर में गिरावट देखने को मिलती है


Volume - 


जिस तरह से आप्शन चैन में Open Interest का महत्व है ठीक उसी प्रकार से आप्शन चैन में Volume का भी अपना महत्व है

Volume हमें यह बताता है की किसी एक निश्चित समय में कुल कितने कॉन्ट्रैक्ट मार्केट में ट्रेड हुए है


मार्केट में किसी एक टाइम पर जितना ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड होंगे Volume के नंबर भी उस टाइम में हाई होगा


Volume का नंबर किसी एक टाइम पीरियड में बढता और घटता रहता है जिससे हमें यह ज्ञात होता है की किसी एक निश्चित टाइम में मार्केट में कितना ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड हुआ

 

LTP और IV -


आप्शन चैन में LTP और IV का भी एक अहम रोल है, LTP और IV ये दोनों अलग - अलग इंस्ट्रूमेंट हैं जिसे देखने से एक ट्रेडर को मार्केट से जुडी बहुत सारी इनफार्मेशन देखने को मिलती है


DeltaThetaGamma, Vega - 


एक ट्रेडर ट्रेडिंग करते समय DeltaThetaGamma और Vega को देखता है इसे Option Greeks कहा जाता है


ATM ITM OTM - 


ATM ITM और OTM ये तीनो अलग अलग चीज़े हैं, एक Option Trader या एक Intraday Trader जब भी मार्केट में किसी स्टॉक या इंडेक्स में ट्रैड करता है 


तो वह ट्रेड करने से पहले यह तय करता है की उसे ट्रेड करने के लिए कौन से स्ट्रीक प्राइस को चुनना है


क्योकि जितने भी स्ट्राइक प्राइस होते है ये सभी स्ट्राइक प्राइस ATM ITM और OTM में बटे होते है


अधिकासं ट्रेडर ATM वाले Strike Price पर ट्रेड करते है और जिस दिन आप्शन की एक्सपायरी होती है उस दिन बहुत से ट्रेडर OTM वाले Strike Price पर ट्रेड करना ज्यादा समझदारी समझते है


तो वही ATM और OTM के स्ट्राइक प्राइस की तुलना में ITM वाले स्ट्राइक प्राइस का प्रीमियम अधिक मंहगा मिलता है, लेकिन इसमें ATM और OTM की तुलना में अधिक पैसे बनते है


Option Chain कहाँ से देखे?


Option Chain को देखने के लिए आप NSC की Official Website या BSE की Official Website पर जाकर देख सकते हैं।


इसके अलाव आप Option Chain को किसी ब्रोकर जैसे की Anegel One, Zerodha, Grow या Upstock आदि जैस प्लेटफार्म पर भी देख सकते है।


Market में जितने भी रिटेल ट्रेडर्स होते है उनमे से अमूमन ट्रेडर आप्शन चैन को अपने ब्रोकर के App में ही देख लेते है।


क्योकि NSE और BSE के आप्शन चैन पर जो डाटा शो होता है वह डाटा किसी ब्रोकर के आप्शन चैन के डाटा की तुलना में काफी भरा – भरा सा दिखाई पड़ता है।


और दूसरा कारण या है की जो ट्रेडर होते है फिर चाहे वह आप्शन ट्रेडिंग करते हो या एक स्काल्पेर हो, तो ऐसे में उसे ट्रेड करने के लिए जल्दी – जल्दी एंटरी और एग्जिट करना होता है।


ऐसे में वह उसी ब्रोकर के आप्शन चैन के डाटा को देखता है जिस ब्रोकर में वह ट्रेड लेता है, क्योकि एक ही एप्लीकेशन में चार्ट पैटर्न को देखना और आप्शन चैन को देखना काफी आसान हो जाता है।


क्योकि NSE और BSE के आप्शन चैन की सारणी किसी ब्रोकर के आप्शन चैन की सारणी की तुलना में कम यूजर फ्रेंडली होते हैं।


लेकिन वही दूसरी ओर मार्केट में जो बढे – बड़े प्लेयर होते है या बिग इन्स्तीत्यूशन होते है वे सभी NSE और BSE के ही आप्शन चैन का Analysis करते है।


अब सावल यह है की ये बड़े – बड़े प्लेयर जैसे की FIIs और DIIs आप्शन चैन का analysis करने के लिए NSE और BSE के ही आप्शन चैन को क्यों देखते है। 


ये किसी ब्रोकर के एप्लीकेशन में आप्शन चैन के डाटा को क्यों नही देखते है, जबकि अधिकांस रिटेल ट्रेडर ब्रोकर के एप्लीकेशन में आप्शन चैन को देखना पसंद करते है, ऐसा क्यों?


इसका जबाब यह है की आप्शन चैन में जो भी डाटा शो होता है वह सबसे पहले NSE और BSE के ऑफिसियल वेब पेज पर ही शो होता है।


उसके बाद ही कोई ब्रोकर इस डाटा को समे – टू – सेम कॉपी करके कोडिंग और AI के थ्रू अपने प्लेटफार्म पर शो कराती है।


ऐसे में ब्रोकर द्वारा दिखाए गए आप्शन चैन के डाटा में और NSE और BSE के आप्शन चैन के डाटा में कुछ मिली सेकंड का अंतर आ जाता है।


इसके साथ ही कई बार यह भी देखा गया है की जितने भी ब्रोकिंग App हैं, उन सभी में ट्रेडिंग के दौरान बग और एरर देखने को मिलते है। 


और कई बार तो ऐसे भी देखा गया है की ये चालू मार्केट में कुछ समय के लिए सर्वर डाउन होने के करने पूरी तरह से shut down हो जाती है।

 

इसलिए बड़े बड़े प्लेयर जैसे FIIs और DIIs आप्शन चैन को देखने के लिए व मार्केट के भाव को समझाने और एनालिसिस करने के लिए हमेसा ही NSE और BSE के आप्शन चैन पर निर्भर रहते है।


क्योकि ये आप्शन चैन में चल रहे डाटा के आधार पर एक साथ कुछ एक सेकंड में लाखो व करोड़ों में आर्डर को पंच करते है। 


ऐसे में अगर आप्शन चैन के डाटा में 0.01 सेकंड का अंतर हुआ तो इनकी सारी कैलकुलेशन बिगड़ जाएगी।


और इन्हें मार्केट में लोस उठाना पड़ेगा, वैसे आपकी जानकारी के  लिए बता दे की जो ये बड़े - बड़े प्लेयर होते है जो असल में बाजार को गिराते और उठाते है।


ये ट्रेडर लेने के लिए बड़ी - बड़ी पावरफुल मशीनरी को यूज़ में लेते है इसके साथ ही ये बड़ी - बड़ी क्वांटिटी अलगो (AI) की मदद से बाजार में लगाते और निकालते है।


यही सब कारण है की बड़ी - बड़ी कंपनिया आप्शन चैन को देखने के लिए हमेसा ही NSE और BSE के डाटा को देखते और एनालिसिस करते है।


क्या बिना Option Chain को देखे शेयर मार्केट से पैसा कमाना मुमकिन है?


नही, बिना Option Chain के डाटा को देखे बगेर शेयर बाजार से पैसा कमाना जरा भी मुमकिन नही है।


अगर आप ये सोच रहे है की सिर्फ चार्ट पैटर्न के बदोलत आप्शन चैन के हर एक पहलू को जाने और सीखे बिना ही ट्रेडिंग में पैसा कमा लेंगे या इसमें अपना काररीएर बना पाने में सफल हो जायेंगे।


तो आप यहाँ गलत है, क्योकि जैसे की आपने शुरु में पड़ा होगा की अगर शेयर बाजार आपकी बॉडी है तो आप्शन चैन आपकी आत्मा है यानि दोनों ही एक दुसरे के पूरक है।


इंडिया में आज भी 89% लोस में है, कारण बस इतना है की ये ट्रेडर आप्शन चैन को जाने और समझे बिना ही मार्केट में बनने वाले कैंडल और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेडर लेने में ज्यादा विश्वास रखते है। 


जबकि बाकि के 11% लोग चार्ट पैटर्न के साथ - साथ  आप्शन चैन के डाटा को एनालिसिस करके ट्रेड लेते है और हमेसा प्रॉफिट कमाते है।


शेयर बाजार में कब और किस डायरेक्शन में मूव आने की संभावना हो सकती है इसका अनुमान केवल पर केवल आप्शन चैन के डाटा को देखने से ही पता लगता है।


निष्कर्ष - 


Guys मुझे पूरी - पूरी उम्मीद है की आपको Option Chain in Hindi इसके बेसिक पता चल गए होगे, साथ ही आप्शन चैन से रिलेटेड जो भी डाउट है वे सभी क्लियर हो गए होंगे


Guys आप्शन चैन पर लिखा यह आर्टिकल एक बेसिक आर्टिकल है जिसमे शेयर मार्केट में आप्शन चैन की भूमिका और इसके महत्व को बताया गया है


अगर आप को आप्शन चैन पर लिखा यह आर्टिकल जानकारीपूर्ण लगा हो तो आप हमें निचे कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरुर दे। धन्यबाद

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